जिसे देख आसमां भी तरसता है,
सूरज भी इस बात से हैरां है कि आज,
भारत मेरे जैसा कैसे चमकता है।
Ek Noor Sa Aaj Mere Desh Pe Barasta Hai,
Jise Dekh Kar Aasmaan Bhi Tarasta Hai,
Sooraj Bhi Iss Baat Se Hairaan Hai Ki Aaj,
Bharat Mere Jaisa Kaise Chamakta Hai.
जब आँख खुले तो धरती हिन्दुस्तान की हो,
जब आँख बंद हो तो यादेँ हिन्दुस्तान की हो,
हम मर भी जाए तो कोई गम नहीं लेकिन,
मरते वक्त मिट्टी हिन्दुस्तान की हो।
करीब मुल्क के आओ तो कोई बात बने,
बुझी मशाल को जलाओ तो कोई बात बने,
सूख गया है जो लहू शहीदों का,
उसमें अपना लहू मिलाओ तो कोई बात बने।
सुन्दर है जग में सबसे, नाम भी सबसे न्यारा है
वो देश हमारा है, वो देश हमारा है,
जहाँ जाति भाषा से बढ़कर देशप्रेम की धारा है,
वो देश हमारा है, वो देश हमारा है।
आजादी की कभी शाम न होने देंगे,
शहीदों की कुरबानी बदनाम न होने देंगे,
बची है जो एक बूँद भी लहू की तब तक,
भारत माँ का आँचल नीलम न होने देंगे।
Aazaadi Ki Kabhi Shaam Nahi Hone Denge,
Shaheedon Ki Kurbaani Badnaam Nahi Hone Denge,
Bachi Hai Jo Ek Boond Bhi Lahoo Ki Tab Tak,
Bharat Maa Ka Aanchal Neelaaam Nahi Hone Denge.
लहू वतन के शहीदों का रंग लाया है,
उछल रहा है ज़माने में नाम-ए-आज़ादी।
शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,
वतन पे मिटने वालों का बाकी यही निशां होगा।
नाक़ूस से ग़रज़ है न मतलब अज़ां से है,
मुझ को अगर है इश्क़ तो हिन्दोस्तां से है।
दिल से निकलेगी न मर कर भी वतन की उल्फ़त,
मेरी मिट्टी से भी ख़ुशबू-ए-वफ़ा आएगी।
वतन के जां-निसार हैं वतन के काम आएंगे,
हम इस ज़मीं को एक रोज़ आसमां बनाएंगे।
जिंदगी जब तुझको समझा, मौत फिर क्या चीज है,
ऐ वतन तू हीं बता, तुझसे बड़ी क्या चीज है।
अगर माटी के पुतले देह में ईमान जिन्दा है,
तभी इस देश की समृद्धि का अरमान जिन्दा हैं,
ना भाषण से है उम्मीदें ना वादों पर भरोसा हैं,
शहीदों की बदौलत मेरा हिन्दुस्तान जिन्दा है।
जिसे सींचा लहू से हो वो यूँ ही खो नहीं सकती,
सियासत चाह कर विष बीज हरगिज बो नहीं सकती,
वतन के नाम पर जीना वतन के नाम मर जाना,
शहादत से बड़ी कोई इबादत हो नहीं सकती।
है नमन उनको कि जो यशकाय को अमरत्व देकर,
इस जगत में शौर्य की जीवित कहानी हो गये हैं,
है नमन उनको जिनके सामने बौना हिमालय,
जो धरा पर गिर पड़े पर आसमानी हो गये हैं।