बेवफा शायरी (Bewafa Shayari)

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तेरी बेवफाई बयाँ करना

न मैं शायर हूँ न मेरा शायरी से कोई वास्ता,
बस शौक बन गया है तेरी बेवफाई बयाँ करना।
Na Main Shayar Hoon Na Mera Shayari Se Koi Wasta,
Bas Shauk Ban Gaya Hai Teri Bewafai Bayaan Karna.

मोहब्बत से भरी कोई ग़ज़ल उसे पसंद नहीं,
बेवफाई के हर शेर पे वो दाद दिया करते हैं।
Mohabbat Se Bhari Koyi Ghazal Use Pasand Nahi,
Bewafai Ke Har Sher Pe Woh Daad Diya Karte Hain.

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बेवफ़ा लोगों की दुनिया

तुम अगर याद रखोगे तो इनायत होगी,
वरना हमको कहाँ तुम से शिकायत होगी,
ये तो वही बेवफ़ा लोगों की दुनिया है,
तुम भूल भी जाओगे तो रिवायत होगी।

Tum Agar Yaad Rakhoge To Inayat Hogi,
Varna Humko Kahan Tum Se Shikayat Hogi,
Yeh To Wahi Bewafa Logon Ki Duniya Hai,
Tum Bhool Bhi Jaaoge To Riwayat Hogi.

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बेवफा पर ऐतबार न हुआ होता

अच्छा होता जो उनसे प्यार न हुआ होता,
चैन से रहते हम जो दीदार न हुआ होता,
पहुँच चुके होते हम अपनी मंज़िल पर,
अगर एक बेवफा पर ऐतबार न हुआ होता।

Achchha Hota Jo UnSe Pyaar Na Hua Hota,
Chain Se Rehte Hum Jo Deedar Na Hua Hota,
Hum Pahunch Chuke Hote Hum Apni Manzil Par,
Agar Ek Bewafa Par Aitbaar Na Hua Hota.

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