Kaati Hain Akele Raatein
कभी पहलू में आओ तो बताएँगे तुम्हें,
हाल-ए-दिल अपना तमाम सुनाएँगे तुम्हें,
काटी हैं अकेले कैसे हमने तन्हाई की रातें,
हर उस रात की तड़प दिखाएँगे तुम्हें।
Kabhi Pehloo Mein Aao To Batayenge Tumhein,
Haal-e-Dil Apna Tamaam Sunayenge Tumhein,
Kaati Hain Akele Kaise Humne Tanhayi Ki Raatein,
Har Uss Raat Ki Tadap Dikhayenge Tumhein.
ना जाने क्यूँ खुद को अकेला सा पाया है,
हर एक रिश्ते में खुद को गँवाया है।
शायद कोई तो कमी है मेरे वजूद में,
तभी हर किसी ने हमें यूँ ही ठुकराया है।
Na Jane Kyun Khud Ko Akela Sa Paya Hai,
Har Ek Rishte Mein Khud Ko Ganwaya Hai,
Shayad Koyi To Kami Hai Mere Wajood Mein,
Tabhi Har Kisi Ne Humein Yoon Hi Thukraya Hai.