शोख निगाहों का माजरा

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क्या पूछते हो शोख निगाहों का माजरा,
दो तीर थे जो मेरे जिगर में उतर गये।
Kya Puchhte Ho Shokh Nigahon Ka Majra,
Do Teer The Jo Mere Jigar Mein Utar Gaye.

उतर चुकी है मेरी रूह में किसी की निगाह,
तड़प रही है मेरी ज़िंदगी किसी के लिए।
Utar Chuki Hai Meri Rooh Mein Kisi Ki Nigaah,
Tadap Rahi Hai Meri Zindagi Kisi Ke Liye.

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शामिल है इसमें तेरी नजर का सुरूर भी,
पीने न दूँगा गैर को मैं अपने जाम से।
Shamil Hain Isme Teri Najar Ka Suroor Bhi,
Peene Na Dunga Gair Ko Main Apne Jaam Se.

मैं उम्र भर जिनका न कोई दे सका जवाब,
वह इक नजर में इतने सवालात कर गये।
Main Umr Bhar Jinka Na De Saka Jawab,
Wo Ek Najar Mein Itne Sawalat Kar Gaye.

ख़ुदा बचाए तेरी मस्त-मस्त आँखों से,
फ़रिश्ता हो तो बहक जाए आदमी क्या है।
Khuda Bachaye Teri Mast-Mast Aankhon Se,
Farishta Ho To Bahek Jaye Aadmi Kya Hai.

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उसकी आँखों का वो समंदर

सिर्फ आँखों को देख के मोहब्बत

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